बबुआ हो बबुआ, पहुना हो पहुना
Jab Tak Pure Na Ho Phere Saat Lyrics
बबुआ हो बबुआ, पहुना हो पहुना।
बबुआ हो बबुआ, पहुना हो पहुना।
जब तक पूरे ना हो फेरे सात।
जब तक पूरे ना हो फेरे सात।
तब तक दुल्हिन नही दुल्हाती।
तब तक बबुनी नही बाबुआति।
जब तक पूरे ना हो फेरे सात।।।
अब ही तो बबुआ पहली भवर पड़ी है।
अब ही तो पहुना दिल्ली दूर बड़ी है।
पहली भवर पड़ी है,दिल्ली दूर बड़ी है।
करनी होगी तपस्या सारी रात।
जब तक पूरे ना हो फेरे सात।
तब तक दुल्हिन नही दुल्हाती।
तब तक बबुनी नही बाबुआति।
जब तक पूरे ना हो फेरे सात।।।
जैसे जैसे भवर पड़े मन अंगना को छोड़े।
एक एक पावन नाता अनजाने से जोड़े।
मन घर अंगना को छोड़े,अनजाने से जोड़े।।
सुख की बदरी आँसू की बरसात ।
जब तक पूरे ना हो फेरे सात।
तब तक दुल्हिन नही दुल्हाती।
तब तक बबुनी नही बाबुआति।
जब तक पूरे ना हो फेरे सात।
बबुआ हो बबुआ, पहुना हो पहुना।।
सात फेरे,बबुआ भरो सात वचन भी,ऐसे कन्या ,ऐसे अर्पण तन भी मन भी।
उठो उठो बबुनी देखो देखो धुरुबतारा,धुरुबतारे सा हुआ मन सुहब तिहारा।
हो देखो देखो धुरुबतारा, अमर सुहाग तिहारा।।
सात हो फेरे,साथ जन्मो का साथ
जब तक पूरे ना हो फेरे सात।
तब तक दुल्हिन नही दुल्हाती।
तब तक बबुनी नही बाबुआति।।
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