जल्दी जल्दी चले रे कहारा, सुरज डूबे रे नदिया। Koun Disa Mein Leke Chala Re Batohiya lyrics
जल्दी जल्दी चले रे कहारा, सुरज डूबे रे नदिया।
जल्दी जल्दी चले रे कहारा, सुरज डूबे रे नदिया।।
लचकत डोलिया डोलावे,गोरी के छुई मुई देहिया।
जल्दी जल्दी चले रे कहारा, सुरज डूबे रे नदिया।।
चाहे कहि दाना चुगे पानी पिये सुगवा,संझिया के बेरिया उ खोजे अपन खोतवा।
ओसही दुल्हनिया के लालचे परणवा,उड़ी के पहुच जाए पिया के अंगनवा।।
चम चम सिंदुरा चमके,चम चम सिंदुरा चमके।
दमके हो सुहाग रतिया।
जल्दी जल्दी चले रे कहारा, सुरज डूबे रे नदिया।
जाके ससुरारीया करब जानी करिह,
सब के विठाके तू पलक कोठे रखिह।
बड़ के आदर दीह छोटे के स्नेहवा
इहे बा सुतल ज़िन्दगी के हो संदेसवा
दुनो कुल के इज्जत राखिह-दुनो कुल के इज्जत राखिह।
बोली ह जानी नीक बोलिया।
जल्दी जल्दी चले रे कहारा, सुरज डूबे रे नदिया।
बोली रूपी जैसेही पिया के दुअरिया,
डोली उठी आगेली नाइकी बहुरिया।
बोली रूपी जैसेही पिया के दुअरिया,
डोली उठी आगेली नाइकी बहुरिया।
आगे आगे पिया संगे बंधल रे गेठिया
दउरा में देग धरि चलबू डगरिया
ऐसेही सभर के ऐ गोरी,ऐसेही सभर के ऐ गोरी।
चलीह ज़िन्दगी के रहिया।।।
Singer : Mohd Rafi
Music : Chitragupt
Film : Dharti Maiya (1981)
Koun Disa Mein Leke Chala Re Batohiya lyrics
कौन दिशा में लेके चल रे बटोहिया।
कौन दिशा में लेके चल रे बटोहिया।।
ए ठहर ठहर की सुहानी सी डगर,जरा देखन दे।देखन दे।
मन भरमाये नयना बाँधे ए डगरिया।
मन भरमाये नयना बाँधे ए डगरिया।।
कही गये जो ठहर दिन जाएगा गुजर ,गाड़ी हाकन द,हाकन दे।
कौन दिशा में लेके चल रे बटोहिया।कौन दिशा में।
पहली बार हम निकले है घर से,किसी अनजान के संघ,
अनजान से पहचान बढ़ेगी तो महक उठेगा तोरा अंग हो,
महक से तू कहि बहक न जाना।
महक से तू कहि बहक न जाना।।
ना करना मोहे तंग हो,
तंग करने का तोहसे नाता रे गुजरिया।
तंग करने का तोहसे नाता रे गुजरिया।।
ए ठहर ठहर की सुहानी सी डगर,जरा देखन दे।देखन दे।
कौन दिशा में लेके चल रे बटोहिया।कौन दिशा में।
कितनी दूर अभी कितनी दूर हैं, ऐ चंदन तोरा गांव हो,
कितना अपना लगने लगे जब कोई बोलाए जब नाम हो।।
नाम न ले तो क्या कह के बुलाये।
नाम न ले तो क्या कह के बुलाये।।
कैसे कराये काम हो।।।
साथी ,मितवा या अनाड़ी कहो गोरिया।
साथी ,मितवा या अनाड़ी कहो गोरिया।।
कही गये जो ठहर दिन जाएगा गुजर ,गाड़ी हाकन द,हाकन दे।
कौन दिशा में लेके चल रे बटोहिया।कौन दिशा में।
ए गुंजा उस उस दिन तोरी सखिया करती थी क्या बात हो,
कहती थी और साथ चलन हो तो आ गये हम तोरे साथ हो।
साथ अधूरा तब तक जब तक।
साथ अधूरा तब तक जब तक।।
पूरे न हो तेरे साथ हो
अब ही तो हमरी हैं बाली रे उमरिया।
ए ठहर ठहर की सुहानी सी डगर,जरा देखन दे।देखन दे।
देखन दे।मन भरमाये नयना बाँधे ए डगरिया।
कही गये जो ठहर दिन जाएगा गुजर ,गाड़ी हाकन दे,...........
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