बाबुल का घर छोड़ के, बेटी पिया के घर चली।
बाबुल का घर छोड़ के, बेटी पिया के घर चली
बाबुल का घर छोड़ के, बेटी पिया के घर चली।
ये कैसी घड़ी आयी है, मिलन है जुदाई है।
ये कैसी घड़ी आयी है, मिलन है जुदाई है।
मिलन है जुदाई है।
बाबुल का घर छोड़ के, बेटी पिया के घर चली।
ये कैसी घड़ी आयी है, मिलन है जुदाई है।
मिलन है जुदाई है।
बचपन के वो खेल खेलौने, छोड़ के सब जाएगी।
वो राजा रानी की कहानी, याद बहुत आएगी।
रोकर भी ममता की कीमत, कैसे चुका पाएगी।
बाबुल का घर छोड़ के, बेटी पिया के घर चली।
ये कैसी घड़ी आयी है, मिलन है जुदाई है।
मिलन है जुदाई है।
मैका है दो दिन का बसेरा, कौन यहां रह पाए।
बिन बेटे का बाप भी देखो, बेटी का व्याह रचाये।
रोके रुके न आंसू की धारा, आंख छलकती जाए।
बाबुल का घर छोड़ के, बेटी पिया के घर चली।
ये कैसी घड़ी आयी है, मिलन है जुदाई है।
ये कैसी घड़ी आयी है, मिलन है जुदाई है।
मिलन है जुदाई है।
बाबुल का घर छोड़ के, बेटी पिया के घर चली।
ये कैसी घड़ी आयी है, मिलन है जुदाई है।
ये कैसी घड़ी आयी है, मिलन है जुदाई है।
मिलन है जुदाई है।
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